Tuesday 11 September 2012

चलत-फिरत दूरभाष यंत्र की महिमा

अभी हम सोच ही रहे थे की आज क्या लिखे की अचानक कानो में मधुर सी ध्वनि बज उठी। ध्वनि तो मधुर थी पर इतनी रात को बजी तो दिमाग में कटुता आ गई।

यह चीज़ ही ऐसी है , न बजे 15 मिनट भी, की बार बार अपने हाथ के अंगूठे से इस की छाती थपथपा कर ऐसे देखते हैं की जैसे डॉक्टर हमारी छाती पर अपना यंत्र लगा कर चेक करता है की सांस हमारी चल रही है या नहीं।

भाई आजकल तो अपनी साँसों से जादा इस यंत्र की सांस जायदा महत्वपूर्ण है। हमारी साँसे उखड जाए पर इसकी साँसे उखड जाए( सिग्नल कमज़ोर हो जाए) तो अपनी जान आफत में आ जाती है . वैसे बड़े कमाल की चीज़ है यह।  आज कल तो हर काम इस से पूरा हो जाता है। व्यापर में आर्डर लेना हो या आर्डर पूरा करना हो, कहीं फस गए हो एक दम से मदद की सूचना दे दो, हर गम और ख़ुशी को बांटने में एक दम आगे , पर एक काम में तो यह बड़ा मददगार है , और वोह है इश्क के इज़हार में।

एक ज़माना था , जब किसी लड़के को कोई लड़की पसंद आती थी , वोह सुबह सुबह उस के घर के सामने खड़ा हो कर उसके आने जाने का समय note  करता था ताकि बाद में सही मोका मिलने पर उसको अपने दिल की बात को इज़हार कर सके। वोह तो उसका बस नहीं चलता था , नहीं तो लड़का तो लड़की के baathroom  जाने के समय  नोट कर लेता। वोह भी क्या सीन होता था। घर के सामने खड़ा हो कर वोह लड़का हर उस इंसान के सामने ऐसे behave  करता था की उस जैसा कोई शरीफ नहीं। अगर घर के सामने कोई सब्जी की दूकान हो तो उस सब्जी वाले की आमंदनी बढाने में उसका contribution को कौन नज़रंदाज़ कर सकता है। कोई भी निकलता उस घर के आसपास से  , उसको अपनी colgate  smile  दिखा कर ऐसे कंधे झुका लेता जैसे आज ही काला मंजन कर के आया हो। 3-4 printed  शर्ट को बदल बदल कर पहनता की लगे की रोज़ नई  ली है। दोस्त की motorcycle या scooter  ले कर बार बार ऐसे निकलता की पता नहीं की बापू ने बाज़ार के कितने काम दे दिए हो। घर के सामने general  store  की दूकान के सामने इंतज़ार करते हुए कितने ही campa cola या thril के साथ rimjhim पीते  हुए अगर कोई लड़की के पड़ोस की आंटी अपने पप्पू के साथ दूकान पर आती तो बड़े प्यार से पप्पू को " ओह कित्ता पाला बच्चा  है कहते हुए गोद  में उठा लेता" जैसे प्रक्टिस कर रहा हो होने वाले वक़्त के लिए। और पप्पू ने गोद में उठाते ही पानी गिरा दिया अपने निक्कर से तो  , मज़ाल  है की colgate smile  थोड़ी सी भी कम हो जाए।

पर आज , यह सब कष्ट उठाने की ज़रूरत नहीं है। बस यह यंत्र सहायक है दिल की आवाज़ पहुचाने के लिए। और अगर सुर से सुर मिल गया तो एक दुसरे के दीदार करने के लिए कोई ज़रूरत नहीं कहीं भी जाने की, बस MMS  भेज दो। क्या ज़रूरत है दोस्त से गाडी मांगने की और police  को गांधी देने की ( भाई अकेलेपन की कीमत भी तो देनी पड़ेगी ) । देखा कितना समय और पैसा बचाता है यह यंत्र। पहले हर बार नया diolog  सोचना पड़ता था लड़की को impress  करने के लिये , पर अब तो एक ही मेसेज फॉरवर्ड कर दो ...वक़्त बचा .  और मज़ा तब जब सुनीता को 10 मेसेज आये 10 लडको से, और सब के सब same .  इसलिए कहते हैं भारत में विविधता में ही एकता है। सही तो है " की जो तेरा  है .....  वोह मेरा है , और जो मेरा है वोह तेरा।

कंपनिया भी समझदार हो गई हैं . एक के पास मेसेज आएगा की साईं बाबा या हनुमान जी की कृपा है आप पर , और आप को यह मिलेगा या वोह मिलेगा और सिर्फ आपको ही मिलेगा  , बस इस को फॉरवर्ड कर दो 10 दोस्तों को। लग जायेंगे सब के सब फॉरवर्ड करने में। और हनुमान जी और साईं बाबा जी confuse , की भाई किस किस को पहले फायेदा पहुंचाए। जब तक हनुमान जी सोचे एक के बारे में की इसको क्या वरदान दे , वोह वरदान फॉरवर्ड हो गया 10 और लोगो में। 10 से 100, 100 से 1000 और फिर लाख ....... अब हनुमान जी कितने वरदान दे और किस किस को दे ..... बेचारे हनुमान जी परेशान। सब के सब परेशान की वरदान नहीं मिला और हनुमान जी परेशान की इतने वरदान किधर से लाये, पर कंपनियों को वरदान मिल गया।।  देखा यह है इसकी महिमा की भगवान् भी चकरा जाये .

जिधर देखो, बस में, रेल में, मेट्रो में, हर जगह लोग कान में इस यंत्र के साथ तार लगा कर नज़र आयेगे। और कुछ तो अजीब सी मशीन लगा कर घूमते है जैसे कान से उंचा सुनाई देने पर लगाते हैं। हर कोई अपने आप में मस्त, अकेला और company  चिल्ला चिल्ला कर सुना रही है की " हर एक फ्रेंड ज़रूरी होता है" 

बिलकुल ठीक हर एक फ्रेंड ज़रूरी है अब। लड़की को ज़रूरत है अपने friend  की ..... ताकि recharge  हो जाए, लड़के को ज़रूरी है ताकि बापू के पैसे कुछ काम आ जाये।

मोहेल्ले के पार्क में घूमते हुए कई आंटीयां एक दुसरे को अपने अपने  यंत्र को ऐसे दिखाती है जैसे अपने सोने का सेट दिखा रही हो। सोने का सेट तो दिखा नहीं सकती, क्यूंकि वोह तो कोई खींच कर ले जाएगा कोई मुआ अपनी गर्लफ्रेंड के मोबाइल को recharge  करवाने के लिए। सो मोबाइल ही दिखा कर अपनी हैसियत दिखाई जाए। आती तो पार्क में है सैर करने को की थोड़ी कमरिया लचकीली हो जाए, पर एक दो चक्कर लगा कर बैठ जायेंगी बीच पार्क में। चर्चा का विषय  कोई हो , पर एक भी नया मॉडल कोई ले आये, तो सबके बीच में आकर्षण का केन्द्र  वोह ही बनेगी। अर्रे  सपना बड़ा ही बढ़िया है यह तो ! " कौनो मॉडल है यऊ  !...... अरे भाभी , इन्होने दिलवाया है हमको , थोड़ी सी लजाते हुए बोली सपना जी, पर वाणी में अजीब सा अहंकार भरी गूंज।

भाभी andrude  वाला फ़ोन है। इस में ना , बहुत सारे फीचेर  हैं।।।।।। यह है वोह है , ऐसा है।।।। वैसा है ..... पता नहीं क्या है ..... और बाकी आंटीयां उसकी बाते सुन कर ऐसे मुह बना रही होती हैं जैसे घर जाते ही पतिदेव पर चढ़ जायेंगी बेलन ले कर। चाहे सपना के मोबाइल में 10 रूपए न हो, मिस कॉल मार मार कर लोगो से बात करती हो, पर फुनवा तो S -3 ही होगा तो मज़ा आएगा।

जिंदगी ही बदल दी इसने। इंसान को पहचानने और समझने का नजरिया ही बदल डाला इसने। अब क्या क्या लिखे इस की महिमा के बारे में , जितना लिखे या बोले कम है। जिसके पास यह नहीं, उसका जीवन ही व्यर्थ। अगर यह नहीं है आपके पास आप काबिल ही नहीं है किसी काम के।

तभी तो आजकल का नारा है ..... रोटी कपडा और ......... मोबाइल

इसकी महिमा के बारे में फिर और ज्ञान देंगे ...... अभी इतना ही।

शुभ रात्री

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